फ्रांस से 3 और राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए हैं। भारतीय वायु सेना (IAF) के एक अधिकारी ने बताया कि राफेल विमान ने बुधवार की रात फ्रांस से उड़ान भरी थी और बिना रुके लगातार यात्रा करते हुए गुरुवार को सीधे भारत की जमीन पर उतरे।
राफेल विमानों का यह चौथा बैच जामनगर बेस पर उतरा। इन 3 और विमानों को मिलाकर भारतीय वायुसेना को अब तक फ्रांस से मिलने वाले 36 विमानों में से 14 विमान मिल चुके हैं।
भारतीय वायु सेना के अधिकारी ने कहा, "कुछ ही देर पहले 3 राफेल विमान भारतीय वायु सेना के एयरबेस पर उतरे हैं। फ्रांस के इस्ट्रेस एयर बेस से उड़े इन विमानों ने 10 घंटों में 7,000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय की और इस दौरान हवा में ही उनमें ईंधन भरा गया। इन विमानों में यूएई एयर फोर्स के टैंकर्स द्वारा ईंधन भरा गया।"
राफेल लड़ाकू विमान फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित है।
इससे पहले बुधवार को फ्रांस में भारत के दूतावास ने कहा था, "राफेल का एक और बैच सीधे उड़ान भरते हुए भारत पहुंचेगा और इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात द्वारा हवा में ही इनमें ईंधन भरा जाएगा।"
बाकी बचे हुए विमानों के भी 22 अप्रैल तक भारत पहुंचने की संभावना है। अभी भारतीय वायु सेना के पायलटों को फ्रांस में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे पहले मार्च में, वायु सेना ने कहा था कि वे चीन की ओर से महसूस किए जा रहे खतरों का मुकाबला करने के लिए अप्रैल तक पश्चिम बंगाल में हासिमारा वायु सेना के अड्डे पर राफेल जेट का दूसरा स्क्वाड्रन तैयार कर देंगे। यह जगह भूटान से निकटता के चलते वायु सेना के संचालन के लिए एक रणनीतिक आधार है।
बता दें कि 29 जुलाई, 2020 को 5 राफेल विमानों का पहला बैच अंबाला पहुंचने के बाद वहां पहला स्क्वाड्रन तैयार किया गया था। इन विमानों को 10 सितंबर को अंबाला एयर बेस पर 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था।
भारत ने सितंबर 2016 में लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल फाइटर जेट की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक समझौता किया था।