सूर्यग्रहण सनातन परंपरा में बड़ा महत्व है. इस के दौरान कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं होता है. नव विक्रम संवत् 2078 में भारत में सूर्यग्रहण नहीं पड़ेगा.
सूर्यग्रहण महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है. भारतवर्ष में इसका विशेष महत्व है. नव विक्रम संवत 2078 जो 13 अप्रैल 2021 से आरंभ हो रहा है. इसमें भारत में मान्यता वाला कोई सूर्यग्रहण नहीं पड़ेगा.
पहला कंकणाकृति सूर्यग्रहण 10 जून को होगा. यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. यह दक्षिण अमेरिका, अंटार्टिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. दूसरा खग्रास सूर्यग्रहण 4 दिसंबर 2021 को पड़ेगा. यह दक्षिण हिंद अटलांटिक महासागर, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट््रेलिया में नजर आएगा. भारत में यह अदृश्य और अमान्य रहेगा.
सूर्यग्रहण के दौरान मंदिर तक बंद रखे जाते हैं. कोई भारी मशीनरी और आग वाला कार्य नहीं किया जाता है. इसका सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है. सूर्यग्रहण के बाद देवालयों और घरों को स्वच्छ और पवित्र किया जाता है.
भारत में इस विक्रम संवत में दो चंद्रग्रहण भी पडेंगे जो पूर्वाेत्तर भारत में दृश्य और मान्य होंगे. सम्पूर्ण भारत में इनका असर नहीं दिखाई देगा.पहला चंद्रग्रहण खग्रास होगा. अर्थात् चंद्रमा पूरी तरह ढंग जाएगा. यह 26 मई 2021 को पड़ेगा. दूसरा चंद्रग्रहण खण्डग्रास होगा. यह 19 नवंबर 2021 को पड़ेगा. इसमें चंद्रमा आंशिक ही ढंग पाएगा.
बता दें कि ग्रहण घटना उस समय होती है जब सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध में आ जाते हैं. इन तीनों में बीच में चंद्रमा होने पर सूर्यग्रहण होता है. पृथ्वी के मध्य में आने पर चंद्रगहण होता है.