नई दिल्ली:केंद्र सरकार दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों की पहचान कर उनके नियमितीकरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के कानूनों में संशोधन करने के लिए मंगलवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश करेगी. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 को सदन में विचारार्थ और पारित करने के लिए पेश करेंगे. गौरतलब है कि सरकार ने 8 फरवरी को राज्यसभा में विधेयक पेश किया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को बदलने की बात कही थी.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस अध्यादेश को 30 दिसंबर, 2020 को प्रख्यापित किया था. इसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 में संशोधन किया. 2011 अधिनियम 31 दिसंबर, 2020 तक वैध था. अध्यादेश ने समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2023 कर दी. 2011 का अधिनियम 31 मार्च, 2002 तक राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए प्रदान किया गया और जहां निर्माण 1 जून, 2014 तक हुआ.
अध्यादेश में संशोधन इसीलिए किया गया है कि अनाधिकृत कॉलोनियों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनाधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2019 और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनाधिकृत कालोनियों में निवासियों के संपत्ति के अधिकारों की मान्यता विनियम, 2019) के अनुसार नियमितीकरण के लिए पहचाना जाएगा. इसलिए 1 जून, 2014 तक अस्तित्व में रही अनाधिकृत कॉलोनियों और 1 जनवरी, 2015 तक जहां 50 प्रतिशत तक विकास देखा गया, वे नियमितीकरण के लिए पात्र होंगे.
अब, सरकार इस विधेयक के माध्यम से अध्यादेश को एक कानून में बदलना चाहती है. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत को संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 को संशोधित करने के लिए संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 को पेश करने की उम्मीद है. विधेयक तमिलनाडु राज्य में अनुसूचित जातियों की सूची को संशोधित करना चाहता है. सदन 2021-22 तक रेल मंत्रालय के नियंत्रण में अनुदान मांगों पर केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरू करेगा.