मनसुख हत्याकांड: आरोपी विनायक शिंदे और नरेश धारे को 7 अप्रैल तक NIA की कस्टडी - Jai Bharat Express

Jai Bharat Express

Jaibharatexpress.com@gmail.com

Breaking

मनसुख हत्याकांड: आरोपी विनायक शिंदे और नरेश धारे को 7 अप्रैल तक NIA की कस्टडी

 


नई दिल्ली:mansukh hiren murder case : मनसुख हिरेन हत्याकांड में एनआईए ने कोर्ट में मुंबई पुलिस के निलंबित सिपाही विनायक शिंदे और नरेश धारे को पेश किया, जहां से कोर्ट ने इन दोनों आरोपियों को 7 अप्रैल तक के लिए एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है. आपको बता दें कि इस मामले के मुख्य आरोपी मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे (Sachin Waze) को 3 अप्रैल तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया है. मनसुख केस में एनआईए के अधिकारी इन आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं. 

NIA को मीठी नदी से मिले कई अहम सबूत

आपको बता दें कि मनसुख हिरेन हत्याकांड में एनआईए (NIA) रविवार को मंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे ( Sachin Waze) को लेकर मीठी नंदी गई थी. एनआईए का कहना है कि सचिन वाझे ने हार्ड डिस्क मीठी नदी में फेंके हैं. इस दौरान गोताखोरों ने मीठी नदी में सबूत की तलाश की. इस तलाशी में एनआईए को मीठी नदी से कई अहम सबूत मिले हैं. सचिन वाझे पर सबूत नष्ट करने के आरोप हैं.

एनआईए ने मीठी नदी से डीवीआर और नंबर प्लेट बरामद किए. मीठी नदी से एक DVR, एक CPU और गाड़ी के नंबर प्लेट्स मिले हैं. सचिन वाजे ने अपने बिल्डिंग के सीसीटीवी का DVR अपने कब्जे में लेकर सबूत मिटाने की कोशिश की थी. इसके अलावा जिस दुकान पर गाड़ी का नंबर प्लेट बदला गया था वहां का DVR भी वाजे ने अपने कब्जे में ले लिया था. मीठी नदी में गोताखोरों की मदद से NIA ने DVR एक CPU और नंबर प्लेट्स बरामद किए हैं. बीकेसी के पास मीठी नदी में सचिन वाजे ने सबूतों को फेंका था. उन्हीं सबूतों को ढूंढने के लिए NIA की टीम वाजे के साथ यहां पहुंची है. मीठी नदी से एक मोबाइल का कवर, दो डीवीआर भी मिले हैं. साथ ही एक लैपटॉप भी निकाला गया. मीठी नदी से एक वाईफाई का मॉडम भी मिला है.

आपको बता दें कि गत दिनों एनआई ने सचिन वाझे को पेश कर तीन अप्रैल तक उनकी रिमांड ले ली है. सचिन वाझे के वकील ने कोर्ट में कहा था कि मुझे बलि का बकरा बनाया गया है. वहीं, एनआईए के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सचिन वाझे के घर से 62 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. ये करतूस घर में क्यों थे इसका जवाब सचिन वाझे नहीं दे रहे हैं. इसका मकसद छिपा रहा है. इसके अलावा सचिन वाझे को बतौर पुलिस अधिकार 30 जिंदा कारतूस सरकारी कोटे से दिए गए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ पांच उनके पास से मिले 25 बुलेट गायब हैं. ये बुलेट्स कहां गए. इसका जवाब सचिन वाझे नहीं दे रहे हैं.