अनिरुद्ध जोशी| माह में 2 एकादशियां होती हैं अर्थात आपको माह में बस 2 बार और वर्ष के 365 दिनों में मात्र 24 बार ही नियमपूर्वक एकादशी व्रत रखना है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं। माघ माह में जया एवं फाल्गुन में विजया एकादशी आती हैं। विजया एकादशी व्रत फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह व्रत 9 मार्च 2021 मंगलवार को रखा जाएगा।
1. विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति भयंकर से भी भयंकर परेशानी से छुटकारा पा जाता है।
2. इससे शत्रुओं का नाश होता है। अर्थात व्यक्ति को कभी भी शत्रु पीड़ा नहीं सताती है। यह अपने नाम के अनुरूप फल भी देती है। इस दिन व्रत धारण करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है व जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है।
3. एकादशी के व्रत रखने से चंद्र ग्रह शुभ होकर अच्छे फल देने लगता है, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ बना रहता है।
4. एकादशी के व्रत से व्यक्ति अशुभ संस्कारों को भी नष्ट कर सकता हैं। इसे समस्त पापों का हरण करने वाली तिथि भी कहा जाता है।
5. पुराणों अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। यह व्रत जीवन में सफलता पाने और मनोकामना को पूरा करने के लिए विशेष रूप से किया जाता है।
7. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन में व्रत करने से पूजा का तीन गुना फल मिलता है।
8. कहा जाता है कि लंका विजय के लिए भगवान श्रीराम ने भी इसी दिन समुद्र किनारे पूजा की थी।
9. विजया एकादशी का श्रीराम और उनकी सेना द्वारा व्रत रखने की कथा श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी।
10. पद्मपुराण अनुसार इस एकादशी पर व्रत रखने से व्यक्ति पर किसी भी प्रकार के संकट नहीं आते हैं और साभी कार्य आसानी से पूर्ण हो जाते हैं।
एकादशी तिथि आरंभ- 08 मार्च 2021 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ।
एकादशी तिथि समाप्त- 09 मार्च 2021 दिन मंगलवार दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर समाप्त।
विजया एकादशी पारणा मुहूर्त- 10 मार्च को सुबह 06:37:14 से 08:59:03 तक।
अनिरुद्ध जोशी|