प्रत्यर्पण से बचने के लिए नीरव मोदी की तरफ से भारत में सरकारी दबाव, मीडिया ट्रायल और अदालतों की कमज़ोर स्थिति को लेकर दी गई दलीलों को वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने खारिज कर दिया.
नई दिल्ली: नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा. UK की अदालत ने फैसला सुनाया है. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी वांछित है. नीरव मोदी फिलहाल लंदन की एक जेल में बंद है.
कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी का मामला प्रत्यर्पण कानून के सेक्शन 137 की अपेक्षाओं को पूरा करता है. प्रत्यर्पण से बचने के लिए नीरव मोदी की तरफ से भारत में सरकारी दबाव, मीडिया ट्रायल और अदालतों की कमज़ोर स्थिति को लेकर दी गई दलीलों को वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने खारिज कर दिया.
लंदन की अदालत ने इस बात को भी नकारा कि नीरव मोदी की मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य को प्रत्यर्पण के लिए फिट नहीं है. अदालत ने आर्थर रोड के बैरक 12 में नीरव मोदी को रखे जाने के बारे में दिये गए आश्वासनों को भी संतोषजनक बताया.
कोर्ट ने कहा कि मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक 12 में ही रखा जाए. उसे भोजन, साफ पानी, साफ टॉयलेट, बिस्तर की सुविधा दी जाए. मुंबई सेंट्रल जेल के चिकित्सक भी नीरव के लिए उपलब्ध रहें.
अदालत ने सेक्शन 3 के तहत भारत में जान के खतरे को लेकर दी गई दलीलों को खारिज किया. अदालत ने कहा कि नीरव मोदी के बारे में आत्महत्या की टेंडेंसी को लेकर दी गई रिपोर्ट को हमने देखे हैं.
नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वारंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण मामले के सिलसिले में हुई कई सुनवाइयों के दौरान वह वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये शामिल हुआ था.
जमानत को लेकर उसके कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज हो चुके हैं क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम है. उसे भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा. इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं.