राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को एक साजिश के मामले में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ( Lashkar-e-Taiba) के दो सदस्यों के खिलाफ बेंगलुरु की विशेष अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट (Supplementary Chargesheet) दाखिल की है. NIA ने अपनी चार्जशीट में जिन दो लोगों का नाम लिया है, उसमें बेंगलुरु के रहने वाला डॉ. सबील अहमद और हैदराबाद का रहने वाला असदुल्ला खान है. उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120बी और यूएपीए अधिनियम (UAPA Act) की धारा 18, 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया है.
एनआईए के अनुसार, इस मामले को 29 अगस्त, 2012 को बेंगलुरु पुलिस ने दर्ज किया था. इन लश्कर और हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी (HuJI) के सदस्यों ने बड़ी साजिश रची थी. भारत के खिलाफ हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए योजना बनाई थी. इन आरोपियों ने बेंगलुरु और कर्नाटक के हुबली में हिंदू समुदाय की महत्वपूर्ण हस्तियों की हत्याओं के लिए अवैध हथियार और गोला-बारूद खरीदे थे. इसके अलावा एजेंसी ने कहा कि महाराष्ट्र के नांदेड़ और हैदराबाद में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और समाज में आतंक फैलाने के लिए साजिश रची गई थी.
नवंबर 2012 में NIA को सौंपा गया था केस
इस मामले को 25 नवंबर 2012 को एनआईए के सुपुर्द किया गया था. एजेंसी जांच के बाद मामले में 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट सौंप चुकी है. एनआईए ने कहा कि सोमवार को जिन दो लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिए की गई है वे आतंकी समूहों के समर्थन और उनका विस्तार करने में अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल थे. यह साजिश सऊदी अरब के दम्माम और रियाद में बैठे आतंकी रच रहे थे.
एनआईए की विशेष अदालत ने 2016 में 13 अभियुक्तों को दोषी ठहराया था. उन्हें पांच साल के जेल की सजा सुनाई गई. जबकि, तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. साथ ही साथ फरार छह आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है.