हालांकि अब कोरोना का डर पहले से कम रह गया है। लेकिन डॉक्टर लगातार कह रहे हैं कि लोग अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाए रखें। इसलिए लोगों को नियमित रूप से शुद्ध पानी पीने की हिदायत दी जा रही है। लेकिन दिक्कत यह है कि देश में एक बड़े वर्ग को शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है। पानी को अकसर बैक्टीरिया, रसायन और भारी धातु प्रदूषित कर देते हैं, जिससे लोग बीमार पड़ते हैं। ऐसे में पीने के पानी को शुद्ध करना बहुत जरूरी है। घर पर पानी को पीने लायक बनाने के कई तरीके हैं।
उबालना
पानी को स्वच्छ और पीने लायक बनाने का यह संभवतः सबसे आम तरीका है। पानी को उबालने से ज्यादातर किस्म के कीटाणु, जिनसे रोग होते हैं, मर जाते हैं। लेकिन उबालने से हेवी मेटल्स और खनिज दूर नहीं होते हैं। पानी को 5-10 मिनट तक उबालें, उसे ठंडा होने दें और फिर ऐसे साफ बर्तन में रखें जो ढंका हुआ हो और उसमें पानी निकालने के लिए नलका आदि मौजूद हो। बेहतर यह है कि उबला हुआ पानी जैसे ही ठंडा हो जाए, वैसे ही उसका सेवन कर लिया जाए और उसका इस्तेमाल उसी दिन होना चाहिए, उसे अगले दिन तक के लिए न रखें।
फिल्टर
अल्ट्रा वॉयलट लाइट का इस्तेमाल करने वाले फिल्टरों का भी प्रयोग पानी को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। फिल्टर्स में मोटे छिद्रदार पदार्थ प्रयोग होते हैं, जैसे कार्बन या सेरमिक ताकि प्रदूषित तत्वों को रोक लिया जाए और स्वच्छ पानी को आगे बहने दिया जाए। कार्बन फिल्टर से ऑर्गेनिक रसायन और हेवी मेटल्स भी हट जाते हैं। अल्ट्रा वॉयलट एक ऐसी लाइट है, जो रसायनों, गंध या जहरीले रसायनों के बाइप्रोडक्ट्स का प्रयोग नहीं करती और केवल अपनी रोशनी से ही पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को मार देती है।
रिवर्स ऑसमोसिस
पानी शुद्धिकरण का यह नया तरीका है जो परंपरागत तरीकों की तुलना में अब अधिक प्रचलित हो रहा है। आरओ या रिवर्स ऑसमोसिस से 90 से 99 प्रतिशत प्रदूषित तत्व हट जाते हैं और पीने के लिए शुद्ध पानी मिलता है। लेकिन हानिकारक रसायन, माइकोब्स और हैवी मेटल्स हटाने के साथ ही यह पानी में मौजूद लाभकारी खनिज भी बाहर निकाल देता है। इस किस्म का खनिज रहित पानी अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार है जैसे रक्त में पर्याप्त खनिज न होना और शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य आवश्यक तत्वों की कमी हो जाना।
बोतल का पानी
बहुत से लोग नियमित बाजार में उपलब्ध बोतल में बंद पानी का प्रयोग करते हैं। बोतलों में यह पानी मुख्यतः दो किस्मों का होता है- स्प्रिंग वॉटर और प्यूरीफाइड वॉटर। प्यूरीफाइड वॉटर बहुत अधिक शुद्ध होता है। इस तरह पानी को शुद्ध करने के तीन बुनियादी तरीके हैं- डीऑयनाइजेशन, डिस्टीलेशन और रिवर्स ओसमोसिस। ज्यादातर कंपनियां आरओ को प्राथमिकता देती हैं क्योंकि यह तरीका सस्ता और आसान है। पीने के पानी में आवश्यक खनिजों का न्यूनतम स्तर अवश्य होना चाहिए। बोतल बंद पानी जिसमें मिनरल या खनिज होते हैं, वह बिना मिनरल वाले पानी से बेहतर होता है।