रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को झारखंड से दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में मानव तस्करी के रैकेट को चलाने को लेकर चार लोगों के खिलाफ अपनी पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की। यह गिरोह झारखंड के गरीब लड़के और लड़कियों को दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में नौकरी दिलाने के बहाने ले जाता था।
मामला प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में मानव तस्करी से संबंधित है। इसे शुरू में झारखंड के खूंटी जिले में 19 जुलाई, 2019 को पंजीकृत किया गया था, जिसमें 37 वर्षीय गैंग के सरगना पन्ना लाल महतो को गिरफ्तार किया गया। महतो झारखंड और दिल्ली में मानव तस्करी का नेटवर्क चलाने में लिप्त था।
एनआईए के हाथ में यह मामला पिछले साल 13 जून को आया था।
जांच के दौरान पता चला कि पन्ना लाल अपनी पत्नी सुनीता के साथ दिल्ली में छह प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में मानव तस्करी का नेटवर्क चला रहा था। सुनीता अभी फरार है।
एजेंसी ने कहा कि पीड़ितों का शोषण किया गया और उन्हें कभी भी पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया।
जांच के दौरान दो अन्य आरोपी गोपाल उरांव और शिव शंकर गंझू को गिरफ्तार किया गया। वे पन्ना के करीबी सहयोगी थे और झारखंड के गरीब व्यक्तियों की तस्करी में सक्रिय थे।
जांच से यह भी पता चला है कि दोनों दिल्ली में तीन प्लेसमेंट एजेंसियों के मालिक हैं, जो मानव तस्करी के रैकेट में शामिल थे।