भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर चल रहे उपचुनाव का प्रचार मुख्य विधानसभा चुनाव से कम नहीं है। दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर जबरदस्त हमले कर रहे हैं। कमलनाथ बार-बार दोहरा रहे हैं कि यह चुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है परंतु गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उपचुनाव से कोई खतरा नहीं है। यदि एक भी सीट जीत गए तो सरकार हमारी बनी रहेगी।
हमारे पास 114 विधायक पहले से हैं 1 सीट जीतेंगे और बहुमत हमारा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया है कि भाजपा को जोड़-तोड़ की जरूरत नहीं है। हमारे पास 114 विधायक पहले से हैं, एक और जीतेंगे तो 115 हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम ओवरलोड नहीं होना चाहते हैं, संपर्क में तो और भी बहुत विधायक हैं। राजनीति के पंडित नए गुणा भाग में लग गए हैं। वह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि नरोत्तम मिश्रा ने जो 114 का आंकड़ा बताया है, वह किस तरह से पूरा होता है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में वर्तमान की स्थिति और नरोत्तम मिश्रा का गणित
वर्तमान में मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से भाजपा के पास 107 विधायक हैं, दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। ऐसे में 109 सीटें हो जाती हैं। नरोत्तम मिश्रा के अनुसार भाजपा- 107, बसपा-2, सपा 1 और निर्दलीय-4 मिलाकर 114 विधायक। कमलनाथ सरकार के दौरान कांग्रेस के पास 114 सीटें थीं, उसके बाद बसपा-2, सपा 1 और निर्दलीय-4 मिलाकर कुल 221 सीटें हो रही थीं।
मध्य प्रदेश में 7 विधायक ऐसे जो कभी भी पाला बदल सकते हैं
राजनीतिक विश्लेषक मनीष दीक्षित कहते हैं कि नरोत्तम मिश्रा, जिन बाकी 7 विधायकों की बात कर रहे हैं, दरअसल उन्होंने पार्टी ज्वाइन नहीं की है। वह तो जिधर दम, उधर हम वाली बात पर चलते हैं। इसके पहले कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे। उपचुनाव के बाद अगर कांग्रेस की स्थिति ठीक रही तो ये फिर से पाला बदल सकते हैं और निर्दलीय विधायकों पर दलबदल कानून भी लागू नहीं होता है। मनीष दीक्षित ने बताया कि एक निर्दलीय विधायक के साथ मंत्री का प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बताता है कि सब कुछ भाजपा के फेवर में नहीं है। उन्हें भी इस बात की आशंका है कि उप चुनाव के बाद स्थितियां अगर गड़बड़ाएगी तो उसके लिए पहले से ही निर्दलीयों को साध कर रखा जाएगा।