भारत ने मंगलवार को कहा कि हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों के आर्थिक व सुरक्षा हितों को आगे बढाना प्रमुख प्राथमिकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तोक्यो में क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए ‘मुक्त, खुला और समावेशी’ हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की अपनी साझा स्थिति के बारे में भी चर्चा की।
क्वाड चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा आस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं। क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामता को लेकर बढती चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है।
इस बैठक में जयशंकर के अलावा जापानी विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पैने और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी भाग ले रहे हैं।
जयशंकर ने कहा, ‘‘साझा मूल्यों के साथ जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में हमारे देशों ने स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत बनाए रखने के महत्व की सामूहिक रूप से पुष्टि की है।’
उन्होंने कहा, ‘‘हम नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति सम्मान और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल हों।’’
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत सिद्धांत को तेजी से व्यापक स्वीकृति मिल रही है।
उन्होंने कहा, ’हमारा मकसद इस क्षेत्र में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों की सुरक्षा और आर्थिक हितों को आगे बढाना है।’
जयशंकर ने हिंद-प्रशांत महासागर के बारे में की गयी पहल का भी जिक्र किया जो पिछले साल पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा प्रस्तुत की गयी थी।
क्वाड ढांचे के तहत चार देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक पिछले साल सितंबर में न्यूयार्क में हुई थी।