हर माता-पिता चाहते हैं कि वह अपने बच्चों की इच्छाएं पूरी कर सकें। लेकिन अगर जिद हद से ज्यादा हो जाए तो सावधान हो जाएं। अगर बच्चा हद से ज्यादा जिद्दी और गुस्सैल है तो उसको संभालने की जिम्मेदारी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। वास्तु में कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
बच्चों के साथ कभी भी किसी भी चीज को लेकर जबरदस्ती न करें। बच्चे को मां सरस्वती और हनुमान जी की आराधना करने के लिए प्रेरित करें। बच्चे अगर हनुमान चालीसा का पाठ करें तो उसके स्वभाव में विनम्रता आने लगती है। भगवान श्रीगणेश के दर्शन मात्र से ही सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। बुधवार के दिन बच्चे को भगवान श्रीगणेश के मंदिर ले जाएं। हरी वस्तु का दान कराएं। गाय को हरा चारा खिलाएं। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाएं और उनके बाएं पैर का सिंदूर लेकर बच्चे के माथे पर लगाएं। अश्वगंधा का छोटा सा टुकड़ा ताबीज में बांधकर बच्चे के गले में पहना दें। बच्चे को मसालेदार खाना ना दें। बच्चों के अध्ययन कक्ष में मोर, वीणा, पुस्तक, कलम, हंस, मछली आदि के चित्र लगाने चाहिए। वास्तु के अनुसार बच्चों के कमरे में हरा रंग कराना चाहिए। हरा रंग शांति और एकाग्रता प्रदान करता है। बच्चे के कमरे में इस्तेमाल फर्नीचर कभी भी दीवार से सटा नहीं होना चाहिए। जब बच्चा सो जाए तो उसके ऊपर मोरपंख से हवा करें। कुछ समय ऐसा करने पर बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव समाप्त होने लगता है।