गरुड़ पुराण के आचार कांड में बताया गया है कि हमें किन 8 लोगों के यहां भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। यदि हम इन लोगों के द्वारा दी गई खाने की चीज खाते हैं या इनके घर भोजन करते हैं तो इससे हमारे पापों में वृद्धि होती है। यहां जानिए ये 8 लोग कौन-कौन हैं और इनके घर पर भोजन क्यों नहीं करना चाहिए.
कोई व्यक्ति चोर है, न्यायालय में उसका अपराध सिद्ध हो गया हो तो उसके घर का भोजन नहीं करना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार चोर के यहां का भोजन करने पर उसके पापों का असर हमारे जीवन पर भी हो सकता है।
2. चरित्रहीन स्त्री
यहां चरित्रहीन स्त्री का अर्थ यह है कि जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती है। गरुड़ पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है।
3. सूदखोर
जो लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुचित रूप से अत्यधिक ब्याज प्राप्त करते हैं, गरुड़ पुराण के अनुसार उनके घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए। गलत ढंग से कमाया गया धन, अशुभ फल ही देता है।
4. रोगी व्यक्ति
कोई व्यक्ति छूत के रोग का मरीज है तो उसके घर भी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति के यहां भोजन करने पर हम भी उस बीमारी की गिरफ्त में आ सकते हैं।
5. अत्यधिक क्रोधी व्यक्ति
जो लोग हमेशा ही क्रोधित रहते हैं, उनके यहां भी भोजन नहीं करना चाहिए। यदि हम उनके यहां भोजन करेंगे तो उनके क्रोध के गुण हमारे अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं।
6. नपुंसक या किन्नर
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किन्नरों को दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। किन्नर कई प्रकार के लोगों से दान में धन प्राप्त करते हैं। इन्हें दान देने वालों में अच्छे-बुरे, दोनों प्रकार के लोग होते हैं।
7. निर्दयी व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति निर्दयी है, दूसरों के प्रति मानवीय भाव नहीं रखता है, सभी को कष्ट देते रहता है तो उसके घर का भी भोजन नहीं खाना चाहिए। ऐसे लोगों द्वारा अर्जित किए गए धन से बना खाना हमारा स्वभाव भी वैसा ही बना सकता है।
8. नशीली चीजें बेचने वाले
नशा करना भी पाप की श्रेणी में ही आता है और जो लोग नशीली चीजों का व्यापार करते हैं, गरुड़ पुराण में उनके यहां भोजन करना वर्जित किया गया है। ऐसे लोगों के यहां भोजन करने पर उनके पाप का असर हमारे जीवन पर भी होता है।