नई दिल्ली | दिल्ली मेट्रो के कोच में अगर अधिक यात्री दिखे, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होता नजर आएगा तो अगले स्टेशन पर यात्रियों को कोच से नीचे उतार दिया जाएगा। सामाजिक दूरी का पालन कराकर कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसकी निगरानी मेट्रो प्रबंधन की ओर से तैनात अतिरिक्त एक हजार विशेषकर्मी करेंगे। निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जाएगी। इस व्यवस्था के चलते यात्रा का समय बढ़ जाएगा।
मेट्रो कोच के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए डीएमआरसी हर जरूरी कदम उठा रही है। अगर कोच में यात्रियों की संख्या अधिक हो जाती है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता है या फिर कोई यात्री ट्रेन ऑपरेटर को सूचित करता है कि ट्रेन में अधिक यात्री हैं तब भी अगले स्टेशन पर उस कोच से यात्रियों को उतार लिया जाएगा। इसके अलावा दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रहेगी। कोच में जो यात्री खड़े होंगे, उनके बीच कम से कम एक मीटर की दूरी अनिवार्य होगी।
एक कोच में अधिकतम 50-60 लोग
दिल्ली मेट्रो के एक कोच में करीब 44-50 लोगों के बैठने के लिए सीट होती है। एक अनुमान के मुताबिक अगर दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रहेगी तो आधी सीट पर ही यात्री बैठ पाएंगे। इसी तरह एक मीटर की दूरी पर खड़े रहने पर 50 से 60 यात्री ट्रेन में आएंगे। अगर किसी ट्रेन में यात्रियों की संख्या इससे ज्यादा होती है और निगरानी टीम को लगता है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है तो उस कोच से यात्रियों को उतार लिया जाएगा। उन्हें अगली खाली ट्रेन का इंतजार करना पड़ेगा।
दिल्ली मेट्रो के एक कोच में करीब 44-50 लोगों के बैठने के लिए सीट होती है। एक अनुमान के मुताबिक अगर दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रहेगी तो आधी सीट पर ही यात्री बैठ पाएंगे। इसी तरह एक मीटर की दूरी पर खड़े रहने पर 50 से 60 यात्री ट्रेन में आएंगे। अगर किसी ट्रेन में यात्रियों की संख्या इससे ज्यादा होती है और निगरानी टीम को लगता है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है तो उस कोच से यात्रियों को उतार लिया जाएगा। उन्हें अगली खाली ट्रेन का इंतजार करना पड़ेगा।
प्लेटफार्म और ट्रेन दोनों जगह भीड़ तो नहीं चढ़ेंगे यात्री
कोविड के दौरान मेट्रो में सफर करते समय यह जरूरी नहीं है कि ट्रेन हर स्टेशन पर रुके। यह स्टेशन प्लेटफार्म और कोच के अंदर मौजूद यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगा। सूत्रों की माने तो ऐसी स्थिति में निगरानी टीम के निर्देश पर उस स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे नहीं खुलेंगे। यह स्थिति किसी भी स्टेशन पर हो सकती है। यह पूरी तरह से भीड़ पर निर्भर करेगा।
कोविड के दौरान मेट्रो में सफर करते समय यह जरूरी नहीं है कि ट्रेन हर स्टेशन पर रुके। यह स्टेशन प्लेटफार्म और कोच के अंदर मौजूद यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगा। सूत्रों की माने तो ऐसी स्थिति में निगरानी टीम के निर्देश पर उस स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे नहीं खुलेंगे। यह स्थिति किसी भी स्टेशन पर हो सकती है। यह पूरी तरह से भीड़ पर निर्भर करेगा।
ना लगे भीड़ रिवर्सल ट्रेन भी चलाएगी मेट्रो
मेट्रो में भीड़ न हो इसके लिए दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर के आखिरी स्टेशन से कुछ स्टेशन पहले ज्यादातर दिल्ली सीमा से सटे मेट्रो स्टेशन से रिवर्सल ट्रेन भी चलाएगी। मसलन कुछ ट्रेन आखिरी स्टेशन तक जाने के बजाएं बीच में रिवर्स कर दी जाएगी। ब्लू लाइन पर वैशाली आखिरी स्टेशन है। जरूरी नहीं है कि द्वारका से आने वाली सभी ट्रेन वैशाली तक जाएं। उसे आनंद विहार मेट्रो स्टेशन से भी वापस लौटाया जा सकता है। इससे प्लेटफार्म पर जुटी भीड़ को कम किया जा सकेगा। इसी तरह हुडा सिटी सेंटर, द्वारका सेक्टर-21, बहादुरगढ़ से पहले जहां ट्रैक चेंज की सुविधा होगी वहां से ट्रेन को वापस लौटा दिया जाएगा।
मेट्रो में भीड़ न हो इसके लिए दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर के आखिरी स्टेशन से कुछ स्टेशन पहले ज्यादातर दिल्ली सीमा से सटे मेट्रो स्टेशन से रिवर्सल ट्रेन भी चलाएगी। मसलन कुछ ट्रेन आखिरी स्टेशन तक जाने के बजाएं बीच में रिवर्स कर दी जाएगी। ब्लू लाइन पर वैशाली आखिरी स्टेशन है। जरूरी नहीं है कि द्वारका से आने वाली सभी ट्रेन वैशाली तक जाएं। उसे आनंद विहार मेट्रो स्टेशन से भी वापस लौटाया जा सकता है। इससे प्लेटफार्म पर जुटी भीड़ को कम किया जा सकेगा। इसी तरह हुडा सिटी सेंटर, द्वारका सेक्टर-21, बहादुरगढ़ से पहले जहां ट्रैक चेंज की सुविधा होगी वहां से ट्रेन को वापस लौटा दिया जाएगा।
मेट्रो का परिचालन समय भी घटेगा
चरणबद्ध तरीके से मेट्रो शुरू करने की व्यवस्था के चलते दिल्ली मेट्रो के परिचालन का समय भी घटाया जा सकता है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के ड्राफ्ट एसओपी में इसका जिक्र है। हालांकि यह कितना समय कम होगा अभी तय नहीं है। इसके लिए मंगलवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देशभर के मेट्रो के प्रबंध निदेशकों की बैठक बुलाई गई है। उस बैठक में इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
चरणबद्ध तरीके से मेट्रो शुरू करने की व्यवस्था के चलते दिल्ली मेट्रो के परिचालन का समय भी घटाया जा सकता है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के ड्राफ्ट एसओपी में इसका जिक्र है। हालांकि यह कितना समय कम होगा अभी तय नहीं है। इसके लिए मंगलवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देशभर के मेट्रो के प्रबंध निदेशकों की बैठक बुलाई गई है। उस बैठक में इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा।