टीओआई के मुताबिक, इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल कोर्ट के साथ-साथ ट्रायल बेसिस पर फिजिकल सुनवाई का फैसला लिया गया है. दो हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई शुरू हो सकती है. चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने 2-3 कोर्ट रूम में फिजिकल हियरिंग शुरू करने के संकेत दे दिए हैं. यानी धीरे-धीरे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वर्चुअल हियरिंग घटाई जाएगी. इससे स्थिति सामान्य बनाने में मदद मिलेगी.सुप्रीम कोर्ट के जज, सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद जजों की समिति ने यह भरोसा दिलाया कि अगले कुछ दिनों में फिजिकल हियरिंग के लिए दो-तीन कोर्ट खोले जा सकते हैं. साथ में वर्चुअल हियरिंग जारी रहेगी.सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की समिति, जिसमें जस्टिस एनवी रमना, अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन, यूयू ललित, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव शामिल हैं, उन्होंने पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ मेडिकल एक्सपर्ट्स से सलाह ली. साथ ही बार काउंसिल के नेताओं मनन कुमार मिश्रा, दुष्यंत दवे और एस जाधव से भी इस बारे में बातचीत की गई.
अंतिम फैसले का इंतजार
बार एसोसिएशन के सदस्य अगले सप्ताह से फिजिकल कोर्ट शुरू करने को लेकर काफी उत्सुक हैं मगर इस मामले पर अभी अंतिम फैसले का इंतजार है. उम्मीद की जा रही है कि 7 जजों की समिति एक-दो दिनों में भारत के चीफ जस्टिस को अपनी सिफारिश रिपोर्ट सौंपेंगे, उसके बाद ही आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे और तय हो जाएगा कि फिजिकल हियरिंग कब से होगी. गौरतलब है कि 25 मार्च के बाद से ही कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बंद है और बस सीमित मामलों की ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है.