नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के तीन प्रशासनिक सदस्यों का कार्यकाल शुक्रवार को दो महीने के लिये बढ़ा दिया। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ ने कार्यकाल बढ़ाने का आदेश इस तथ्य को ध्यान में रखते हुये दिया कि इससे संबंधित मामला अगले महीने सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के तीन प्रशासनिक सदस्यों का कार्यकाल इस न्यायालाय के 16 जुलाई, 2020 के आदेश से एक महीने के लिये बढ़ाया गया था। चूंकि इससे संबंधित सारे मामले नौ सितंबर 2020 को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध हैं,हम सशस्त्र बल अधिकरण के तीन प्रशासनिक सदस्यों का कार्यकाल और दो महीने के लिये बढ़ाना उचित समझते हैं।’’
सशस्त्र बल न्यायाधिकरण
कानून की धारा 5 के अनुसार न्यायाधिकरण में एक अध्यक्ष और उतने ही न्यायिक तथा प्रशासनिक सदस्य होंगे जितने केन्द्र सरकार उचित समझेगी। इस कानून के अनुसार ऐसा कोई व्यक्ति न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जायेगा जो उच्चतम न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश नहीं हो। सशस्त्र बल अधिकरण बार एसोसिएशन ने 2016 में शीर्ष अदालत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर को पत्र लिखकर इसमें न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति का अनुरोध किया था। एसोसिएशन ने दावा किया था कि इसका काम करीब करीब ठप हो गया है। इस पत्र की प्रति रक्षा मंत्री, कानून मंत्री और सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (प्रिंसिपल बेंच) के सचिव को भेजी गयी थीं।