एनटीए ने जेईई की परीक्षा के लिए ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं लेकिन 9 लाख से अधिक छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड किया है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने जेईई और नीट जैसी प्रतियोगिता परीक्षाएं करवाने की पूरी तैयारी कर ली है। इन दोनों ही परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। नीट परीक्षाओं के लिए 9 लाख से अधिक छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड किया है। हालांकि अभी भी 6 लाख से अधिक छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं किया है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने कहा, "नीट परीक्षा के लिए 15.97 लाख छात्रों ने फार्म भरा है। इनमें से 9,94,198 छात्रों ने ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिया है। जेईई परीक्षा के लिए 8.58 लाख छात्रों में से 7,49,408 ने ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किया है।"
अभी तक 332 छात्रों ने अपने परीक्षा केंद्रों का शहर बदलने की मांग की है। इन छात्रों के मुताबिक उनको दिया गया परीक्षा केंद्र उनके मौजूदा शहर से बाहर है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि छात्रों की इस मांग पर सकारात्मक विचार किया जा रहा है।
जेईई और नीट की परीक्षाएं आयोजित करवा रहे एनटीए के मुताबिक " एक शैक्षणिक कैलेंडर वर्ष एवं उम्मीदवारों के एक वर्ष को बचाने के लिए प्रवेश परीक्षाओं का संचालन करना आवश्यक है। अगर इसे शून्य वर्ष मानते हैं, तो हमारी प्रणाली एक सत्र में दो साल के उम्मीदवारों को कैसे समायोजित कर पाएगी।"
एनटीए का पूरा प्रयास है कि एक साल की बचत हो, भले ही सत्रों में थोड़ी देरी हो। वर्तमान वर्ष 2020-21 का अकादमिक कैलेंडर भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है, क्योंकि प्रवेश परीक्षाओं की अनुपस्थिति में, इंजीनियरिंग और चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के पहले सेमेस्टर में प्रवेश अब तक नहीं हो सके। इसने छात्रों के शैक्षणिक कैरियर पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने कहा, "जिन छात्रों को विश्वास नहीं हो पा रहा है, उन बच्चों को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि, परीक्षा के दौरान पूरी सावधानी बरती जाएगी। बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। निर्णय हुआ है कि एक कक्ष में 12 से अधिक छात्र नहीं होंगे। इसके लिए परीक्षा केंद्रों को बढ़ाया गया है। हालांकि किसी बड़े सेंटर को बहुत बड़ा भी नहीं कर सकते, क्योंकि भीड़ को इकट्ठा होने से भी रोकना है।"
गौरतलब है कि जेईई (मेन) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच होंगी। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी। जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होगी। पहले जेईई की परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच और नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होनी थी।
अभी तक 332 छात्रों ने अपने परीक्षा केंद्रों का शहर बदलने की मांग की है। इन छात्रों के मुताबिक उनको दिया गया परीक्षा केंद्र उनके मौजूदा शहर से बाहर है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि छात्रों की इस मांग पर सकारात्मक विचार किया जा रहा है।
जेईई और नीट की परीक्षाएं आयोजित करवा रहे एनटीए के मुताबिक " एक शैक्षणिक कैलेंडर वर्ष एवं उम्मीदवारों के एक वर्ष को बचाने के लिए प्रवेश परीक्षाओं का संचालन करना आवश्यक है। अगर इसे शून्य वर्ष मानते हैं, तो हमारी प्रणाली एक सत्र में दो साल के उम्मीदवारों को कैसे समायोजित कर पाएगी।"
एनटीए का पूरा प्रयास है कि एक साल की बचत हो, भले ही सत्रों में थोड़ी देरी हो। वर्तमान वर्ष 2020-21 का अकादमिक कैलेंडर भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है, क्योंकि प्रवेश परीक्षाओं की अनुपस्थिति में, इंजीनियरिंग और चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के पहले सेमेस्टर में प्रवेश अब तक नहीं हो सके। इसने छात्रों के शैक्षणिक कैरियर पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने कहा, "जिन छात्रों को विश्वास नहीं हो पा रहा है, उन बच्चों को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि, परीक्षा के दौरान पूरी सावधानी बरती जाएगी। बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। निर्णय हुआ है कि एक कक्ष में 12 से अधिक छात्र नहीं होंगे। इसके लिए परीक्षा केंद्रों को बढ़ाया गया है। हालांकि किसी बड़े सेंटर को बहुत बड़ा भी नहीं कर सकते, क्योंकि भीड़ को इकट्ठा होने से भी रोकना है।"
गौरतलब है कि जेईई (मेन) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच होंगी। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी। जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होगी। पहले जेईई की परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच और नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होनी थी।