प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर उन लोगों को सलाम किया जो हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और साथ ही लोगों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अपने कदम मजबूती से बढ़ाने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस हर वर्ष 7 अगस्त को हथकरघा बुनकरों के सम्मान और देश के हथकरघा उद्योग के महत्व को रेखांकित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन देश में कथकरघों के सामाजिक-आर्थिक योगदान और बुनकरों के आय को बढ़ाने के बारे में ध्यान केंद्रित किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर, हम उन सभी को सलाम करते हैं जो जीवंत और ऊर्जावान हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन लोगों ने देश के स्वदेशी शिल्प को संरक्षित रखने में सराहनीय प्रयास किए हैं। चलिए हम सभी 'वोकल फॉर हैंडमेड' के लिए कदम बढ़ाते हैं और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में अपने प्रयासों को मजबूत करें।"
भारत सरकार ने जुलाई 2015 को आज के दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इसका उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा उद्योग की महत्ता के बारे में जागरूकता फैलाना है। साथ ही इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि 1905 में आज ही के दिन कलकत्ता टॉउन हॉल में स्वदेशी आंदोलन की नींव रखी गई थी।