न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने वाले बंदियों को कोरोना संबंधी टेस्ट कराने के उपरांत ही जेलों में दाखिल कराये जाने के संबंध में न्यायालयीन आदेश हुआ है। उक्त आदेश के परिपालन में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने संयुक्त रूप से कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन एवं समस्त जेल अधीक्षकों को पत्र लिखकर उक्त आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
वर्तमान में कोरोना संक्रमण के फैलाव तथा जेलों में आने वाले बंदियों की संख्या में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में अस्थायी 14 जेल आरंभ की गई हैं। इन अस्थाई जेलों में नई आमद के बंदियों को प्रविष्ट कराया जा रहा है। शेष जेलों में नई आमद सीधे मुख्य जेलों में प्रविष्ट हो रही हैं। वर्तमान में प्रदेश में अस्थायी एवं मूल जेल और मूल जेल की व्यवस्था है। इन जेलों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। अस्थाई एवं मूल जेल में जिला मुख्यालय में सभी बंदियों को आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट के बाद ही पुलिस द्वारा अस्थायी जेल में प्रविष्ट किया जायेगा। रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत यदि बंदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें उपचार के लिये पुलिस अभिरक्षा में उपचार के लिये कोविड-19 सेंटर भेजा जायेगा। जिन बंदियों की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उन्हें मूल जेल की क्वारेंटाइन बैरेक में 14 दिन के लिये रखा जायेगा। क्वारेंटाइन बैरेक में रखे गये बंदियों में से किसी में भी कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उनका पुन: आरटीपीसीआर कराया जायेगा। पॉजिटिव आने पर उपचार के लिये भेजा जायेगा और निगेटिव आने पर मूल जेल की क्वारेंटाइन बैरेक में 14 दिन के लिये रखा जायेगा।
मूल जेल में जो व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं, उनमें अस्थाई जेल से क्वारेंटाइन बैरेक में 14 दिन रखने के बाद बंदियों को मूल जेल में शिफ्ट कराया जायेगा। मूल जेल में भी समस्त बंदियों की प्रतिदिन स्क्रीनिंग की जायेगी। स्क्रीनिंग में लक्षण दिखाई देने पर टेस्ट कराया जायेगा। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त होती है, तो बंदी को पुलिस अभिरक्षा में जिला कोविड-।9 उपचार केन्द्र भेजा जायेगा। निगेटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें मूल जेलों में क्वारेंटाइन बैरेक में 14 दिन के लिये रखा जायेगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि जेलों को सामूहिक संक्रमण से बचाने के लिये जेल, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समन्वय एवं सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना से कार्य करना आवश्यक है। संबंधित अधिकारियों को उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।