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मरीज की मौत परिजन ने लापरवाही की शिकायत की तो जूड़ॉ ने कमरे में बंद कर पीटा

जबलपुर. फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया की शिकायत पर पिछले दिनों कोविड-19 सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती 70 वर्षीय संगम कॉलोनी निवासी वृद्ध की शनिवार को मौत हो गई। कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था। शिफ्टिंग के दौरान सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई। परिजन का आरोप है कि वार्ड में पहुंचने के बाद ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा गया, तो चिकित्सकों से अनसुना कर दिया। इसके थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि लापरवाही की शिकायत करने पर जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ पीटा। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ।
यह है मामला संगम कॉलोनी निवासी राजकुमार जैन (70) को पिछले दिनों फेफड़ों में संक्रमण व निमोनिया की शिकायत होने पर मेडिकल के कोविड-19 सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती कराया गया था। शनिवार शाम उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। शाम पांच बजे के लगभग उन्हें मेडिकल के मेडिसिन वार्ड क्रमांक-15 शिफ्ट किया गया।
20 मिनट तक चिल्लाते रहे कोई नहीं आया राजकुमार के छोटे भाई राजेश जैन ने बताया कि सस्पेक्टेड वार्ड से बड़े भाई को जनरल वार्ड में शिफ्ट करने के बाद ऑक्सीजन नहीं लगाई गई। जबकि, उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। आरोप है कि 20 मिनट तक वे ऑक्सीजन लगाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन वार्ड में मौजूद महिला चिकित्सक व कर्मचारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उनकी आंखों के सामने बड़े भाई की मौत हो गई। ...
राजेश सहित परिजन का आरोप है कि लापरवाही के चलते उनके भाई मौत हुई। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई, तो वार्ड में मौजूद चिकित्सक ने अन्य जूनियर डॉक्टरों व सुरक्षाकर्मियों को बुला लिया। वार्ड के अन्य मरीजों को निकाल कर दरवाजा बंद कर दिया। लाइट बंद कर उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट में राजेश सहित परिवार के पवन, अंकित, दो महिलाएं भी घायल हुई। उनका मोबाइल व चेन भी गायब है।
जूडा के दबाव में मेडिकल और पुलिस मारपीट के बाद जूडॉ ने दबाव बनाते हुए धमकी दी कि उनके खिलाफ एफआईआर हुई तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। इसका असर यह रहा कि पुलिस ने परिजन की शिकायत के बावजूद प्रकरण दर्ज नहीं किया। वर्जन- मेडिकल के मेडिसिन वार्ड में मरीज की मौत के बाद हंगामा व मारपीट की जानकारी सामने आई है। मृतक के परिजन और जूनियर डॉक्टरों का पक्ष सुनने के बाद निर्णय लेंगे। डॉ. राजेश तिवारी, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज
..... वार्ड के भीतर अंधेरा था, इसलिए यह बता पाना सम्भव नहीं है कि मरीज की मौत के बाद परिजन से मारपीट करने वाले कौन थे। जूडॉ ने बताया कि मारपीट में वे नहीं थे। दोनों पक्षों की शिकायत को जांच में लिया है। राकेश तिवारी, टीआई, गढ़ा ...... वार्ड-5 में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर थी। मरीज के परिजन ने उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए अपशब्द कहे। इसके बाद हाथापाई की स्थिति बनी। जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की शुरुआत नहीं की थी। पंकज सिंह, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन