नई दिल्ली:रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत सप्ताह की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर हम खुद भारत के भीतर चीजों का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं तो हम देश की पूंजी के एक बड़े हिस्से को बचाने में सक्षम होंगे. उस पूंजी की मदद से रक्षा उद्योग से जुड़े लगभग 7000 MSMEs को प्रोत्साहित किया जा सकता है. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और सैन्य ताकतों को बढ़ाने की बात कही. साउथ ब्लॉक में हुए इस उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के दौरान होने वाली सभी गतिविधियां, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देंगी. उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने पहली बार 101 वस्तुओं की सूची निकाली है जो अब हम आयात नहीं करेंगे. इस सूची को हम निगेटिव लिस्ट कहते हैं. इसमें सिर्फ छोटी वस्तुएं ही नहीं बल्कि बड़ी और गहन तकनीक वाली हथियार प्रणाली भी शामिल हैं.
आत्मविश्वास-आत्मनिर्भरता वाले भारत की नींवउन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2017 में चंपारण की सौवीं वर्षगांठ के अवसर पर नया भारत बनाने की घोषणा की थी. सिंह ने कहा, 'अब प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब हम नए भारत की नींव रखेंगे तब वो आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण होगा.' इसके पहले भारतीय रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने रविवार को 101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय ने 2020-21 के कैपिटल प्रोक्योरमेंट बजट में घरेलू और विदेशी कैपिटल प्रोक्योरमेंट के लिए भी बंटवारा कर दिया है. साथ ही चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये का एक अलग बजट बनाया गया है.
101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक
101 रक्षा उपकरणों के आयात पर लगे इस नए प्रतिबंध के चलते अनुमान है कि अगले पांच से सात वर्षों के भीतर घरेलू उद्योग में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के अनुबंध किए जाएंगे. अनुमानित तौर पर इसमें से सेना और वायु सेना के लिए लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये के उपकरण और 1.4 लाख करोड़ रुपये के उपकरण नौसेना के लिए होंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत की पहल में एक बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है. मंत्रालय रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगाएगा. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लिए किए गए स्पष्ट आह्वान के बाद किया गया है.'
घरेलू स्तर पर बनेंगे घातक हथियार
इन 101 प्रतिबंधित उपकरणों की सूची में हाईटेक हथियार जैसे आर्टिलरी गन्स, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट्स, सोनार सिस्टम, परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच), रडार समेत रक्षा सेवाओं की कई अन्य जरूरी वस्तुएं शामिल हैं. इस सूची में पहियों वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी), पनडुब्बियां आदि भी शामिल हैं. इनसे आर्मी, वायुसेना, नौसेना को हजारों करोड़ रुपये के अनुबंध होने की उम्मीद है. आयात पर यह प्रतिबंध 2020 से 2024 के बीच उत्तरोत्तर स्तर पर लागू करने की योजना है.