न्यायिक मजिस्ट्रेट से मिले मेमो के आधार पर आवेदक महेंद्र श्रीवास की शिकायत पर सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉक्टर प्रदीप पटेल एवं अभिषेक चक्रवर्ती के विरूद्ध एफआईआर दर्ज
एडवोकेट महेंद्र श्रीवास ने सिटी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और संचालक पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने समेत कई गंभीर आरोप लगाये थे देखिए 👇
जबलपुर | जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ एक बार फिर गैर इरादतन हत्या और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। अदालत के निर्देश पर ओमती थाना पुलिस ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉ प्रदीप पटेल और अभिषेक चक्रवर्ती के खिलाफ RRT 201,274, 275, 304, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा एफआईआर में आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम और ड्रग्स कंट्रोल एक्ट की धाराएं भी शामिल हैं। दरअसल सिटी अस्पताल में भर्ती हुए विजय कुमार श्रीवास नामक मरीज की 3 मई 2021 को मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे एडवोकेट महेंद्र श्रीवास ने सिटी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और संचालक पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए न्यायालय में परिवार दायर किया था।
सिटी अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भर्ती हुए पेशेंट घमापुर निवासी विजय कुमार श्रीवास की 3 मई 2021 को मृत्यु हो गई। मृतक विजय कुमार श्रीवास के पुत्र एडवोकेट महेंद्र श्रीवास ने सिटी अस्पताल प्रबंधन और डाक्टर पर लापरवाही सहित नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों पर अपराध पंजीबद्ध करने न्यायालय की शरण ली थी। आवेदक महेंद्र श्रीवास ने संबंधित आरोपियों पर 302 का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी।
ओमती पुलिस ने बताया कि न्यायालय तन्मय सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट से मिले मेमो के आधार पर आवेदक महेंद्र श्रीवास की शिकायत पर सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉक्टर प्रदीप पटेल एवं अभिषेक चक्रवर्ती के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़ित महेंद्र श्रीवास ने पुलिस को बताया कि 23 मार्च 2021 को उसने अपने पिता विजय कुमार श्रीवास को सिटी अस्पताल में ‘सीजीएचएस’ सुविधा के तहत एडमिट कराया था। अस्पताल ने विजय कुमार का सिटी स्केन कराया, सिटी स्केन के बाद डॉक्टर प्रदीप पटेल ने बताया कि आपके पिता कोरोना पॉजीटिव हैं।
करीब 2 सप्ताह के उपचार के बाद डाक्टरों ने कह दिया कि आप पिता को घर ले जाएं, अस्पताल में उन्हें इन्फेक्शन हो जाएगा। डाक्टरों ने परिवार को डराते हुए पिता को डिस्चार्ज कर दिया। 13 अप्रैल को पुन: पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने इसी दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगने के बाद इन्फेक्शन और बढ गया। पिता का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया और 3 मई 2021 को उनकी मौत हो गई। डाक्टरों ने कह दिया कि मौत ‘सडन कार्डियक अरेस्ट’ के कारण हुई है। पिता को उपचार के दौरान कौन सी दवाएं दी गर्इं, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई।
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नकली रेमडेसिविर मामले में जेल जा चुका है मोखा
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा, उसकी पत्नी-बेटा सहित अस्पताल प्रबंधन के लोग जेल जा चुके हैं। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में ओमती थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 252/21 में धारा 274, 275, 308, 420, 120बी, ताहि 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी अधिनयम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।
यह था नकली इंजेक्शन का पूरा मामला
एक मई 2021 को गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ के आधार पर 6 मई को जबलपुर के आशा नगर निवासी सपन जैन को गुजरात पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी। सपन जैन, सिटी अस्पताल के कर्मी देवेश चौरसिया और इंदौर में गिरफ्तार क्षितिज राय, यश मेहंदी और विजय सहजवानी ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की भूमिका को उजागर किया था।